The day began with a special morning assembly where students were informed about the significance of Janmashtami. One of the students explained the story of Lord Krishna's birth and his teachings, emphasizing the importance of celebrating this festival as a way to connect with our cultural roots and imbibe values such as devotion, love, and righteousness. The Kindergarten section of our school came alive with the vibrant colors and joyful spirit of Janmashtami. The celebration was honored by the gracious presence of our Principal, Sr. Nisha, whose encouraging presence added a special touch to the event. Adding to the festive spirit, the boys and girls came dressed as Lord Krishna and Radha. The boys, adorned with peacock feathers and flutes, captured the playful essence of young Krishna, while the girls, in their beautifully decorated lehengas, gracefully portrayed Radha. The sight of the little ones in these traditional attires brought immense joy and warmth to the hearts of all present. Sr. Nisha, in her address, praised the efforts of the students and teachers in making the celebration a success. She highlighted the importance of such cultural events in nurturing the values of love, compassion, and harmony among the students. Her words resonated with everyone, inspiring both students and teachers to uphold and celebrate our rich traditions. The Janmashtami celebration by our KG students was a beautiful blend of devotion, tradition, and joy, leaving everyone with cherished memories of a meaningful and joyous occasion.”
Sanskrit week -सेंट मेरी कॉन्वेंट सीनियर सेकेंड्री स्कूल, देवास में आदरणीया प्राचार्य महोदया सिस्टर निशा की अध्यक्षता में कक्षा 9 एवं 7 की नित्य प्रार्थना सभा में पूर्णतया संस्कृत भाषा में सप्त दिवसीय संस्कृत सप्ताह का हर्षोल्लास के साथ आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा भगवदगीता , पुराण , उपनिषदों , चारों वेदों,रामायण ,महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथों से उद्धृत ऋचाएं, मंत्रों, श्लोकों का कंठस्थ वाचन किया गया, प्रत्येक दिन माँ सरस्वती की भिन्न-भिन्न प्रार्थनाओं के उपरांत 'वैयाकरण वेत्ता महर्षि पाणिनि' के "संस्कृत भाषा के महत्व" व संस्कृत के महान नाटककारों , साहित्यकारों , ग्रंथकारों एवम् उनकी रचनाओं पर प्रकाश डालकर संस्कृत सप्ताह क्यों मनाया जाता है? पर विस्तृत जानकारी दी गई। संस्कृत का अध्ययन विद्यालयों में क्यों आवश्यक है तथा उसकी क्या उपयोगिता उसके महत्व को प्रतिपादित किया गया। इस अवसर पर समूचे विद्यालय परिसर में उत्साह व उमंग छात्रों में देखा गया , जिसमें महर्षि पाणिनि व महाकवि कालिदास आदि के पोस्टर बनाए गए। संस्कृत के प्रचार व प्रसार के लिए और संस्कृत को सीखने के लिए व समस्त भाषाओं का सम्मान करने के लिए प्राचार्य महोदया सिस्टर निशा व उप प्राचार्य महोदया सिस्टर गोरेटी ने छात्रों को प्रेरित किया।संस्कृत के गीतों एवम् नृत्य द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया। अंतत: आभार संस्कृत वरिष्ठ अध्यापक कुलदीप सिंह भदौरिया और वरिष्ठ अध्यापिका श्रीमती पल्लवी मुले ने माना।
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